भगत सिंह भाग - 6
हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन
8 और 9 सितम्बर ,1928 को दिल्ली के पुराने किले (तुगलक फोर्ट) में क्रांतिकारी दल की बैठक हुई, जिसमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजपूताना के क्रांतिकारी आये थे।
दल के प्रमुख नेता और " हिंदुस्तान प्रजातंत्र सेना " के कमांडर - इन - चीफ चंद्रशेखर आजाद इस बैठक में नहीं आ सके थे।
भगत सिंह ने दल की केंद्रीय समिति का निर्माण करके दल को नया रूप दिया और क्रांतिकारी संगठन का नाम " हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन" (हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातंत्र संघ) कर दिया, जिसका अर्थ था क्रान्ति के उद्देश्य समाजवादी समाज की स्पष्ट घोषणा। इस निर्णय में विजय सिन्हा , शिववर्मा तथा सुखदेव जैसे कई साथी भगत सिंह के सहायक थे।
इस बैठक में साथी विभिन्न प्रान्तों के इंचार्ज नियुक्त किए गए। भगत सिंह और विजय कुमार सिन्हा को प्रांतों के बीच संपर्क स्थापित करने का काम सौंपा गया।
भगत सिंह बम बनाने के लिए कुछ रासायनिक द्रव्य खरीदने कलकत्ता गए। जहां उन्होंने फणींद्रनाथ घोष और यतींद्रनाथ दास के साथ मिलकर बम में काम आने वाली " गनकाटन " तैयार की। वास्तव में इसी यात्रा में भगत सिंह का परिचय यतींद्रनाथ दास से हुआ था। भगत सिंह को आगरा में ऐसे आदमी की जरूरत थी जो बम बनाना सिखा सके।
बाद में यतींद्रनाथ दास ने ही आकर बम बनाने की शिक्षा दी। जो बम आगे चलकर असेम्बली में फेंका गया। वह आगरा से ही दिल्ली लाया गया था।
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