भगत सिंह भाग - 9
जेल इंक्वायरी कमेटी
2 सितम्बर 1929 को सरकार ने इंक्वायरी कमेटी की स्थापना की। कमेटी के कई सदस्य जेल में आये। भगत सिंह भी उनकी बातचीत में शामिल हुए।
कमेटी के सदस्य इस बात पर राजी हो गए की सब लोग भूख हड़ताल तोड़ दे तो जातींद्रनाथ दास को छोड़ दिया जाएगा ,पर जातींद्रनाथ ने भूख हड़ताल नहीं तोड़ी और सरकार अपनी बात से पलट गई और 13 सितम्बर ,1929 को अपनी भूख हड़ताल के 63 वें दिन वे शहीद हो गए।
तब सरकार द्वारा नियुक्त जेल कमेटी ने अपनी रिर्पोट भेजी। फिर भगत सिंह और उनके साथियों ने भूख हड़ताल खत्म कर दी।
भूख हड़ताल के 114 वें दिन 5 अक्टूबर ,1929 को इस शर्त पर भूख हड़ताल तोड़ने को तैयार हुए कि हम सब को एक ऐसा करने का अवसर दिया जाय। उनकी बात जेल अधिकारियों ने मान ली और फलों का रस दिया गया और भगत सिंह ने "दाल फुलके" की मांग की, पर डॉक्टर ने मना कर किया। फिर भी भगत सिंह अपनी बात पर अड़े रहे और तब इनके लिए "दाल फुलके" और चावल मंगवाया गया।
Comments
Post a Comment