भगत सिंह भाग - 3
भगत सिंह का विवाह
1923 में भगत सिंह की दादी उनका विवाह करना चाहती थी। जिसके लिए उन्होंने एक लड़की भी पसंद कर ली। कुछ रस्में तय की गई , लेकिन ठीक उसी दिन क्रांति के नेता ने उन्हें बुलाया और भगत सिंह लाहौर चले गए।
भगत सिंह ने घर से जाने से पहले एक खत लिखा था कि
" मेरे जीवन का उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ना ही है। मुझे सांसारिक सुख की चाह नहीं है। मेरे यज्ञोंपवीत के समय मेरे चाचा जी ने मुझसे एक पवित्र वचन लिया था। मैने देश की खातिर बलिदान हो जाने की प्रतिज्ञा की थी। तदानुसार, मैं अपनी खुद की खुशियों को त्याग रहा हूं और देश की सेवा के लिए घर से बाहर जा रहा हूं। "
जब उनकी दादी सख्त बीमार पड़ी, तब उनके पिताजी ने "वन्देमातरम " अख़बार में विज्ञापन छपवाया की भगत सिंह जहां भी है, फौरन वापस आ जाये। उनसे शादी की कोई बात नहीं की जाएगी।

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