भगत सिंह भाग - 7

भगत सिंह और असेंबली बम ब्लास्ट का मुकदमा और हाई कोर्ट में अपील 

दिल्ली जेल में 4 जून ,1929 को मुकदमे की सुनवायी सेशन जज " मिस्टर मिडलटन" की अदालत में आरंभ हुई। 



सरकारी गवाहों के बयान के बाद भगत सिंह ने अपनी और बटुकेश्वर दत्त की ओर से 6 जून, 1929 को जो बयान दिया और 10 जून 1929  को केस की सुनवायी खत्म हो गई। उसके तुरन्त बाद ही भगत सिंह को "मियांवाली जेल" में और बटुकेश्वर दत्त को "लाहौर सेंट्रल जेल" में भेज दिया गया। 

हाई कोर्ट में अपील 

असेंबली बम काण्ड में मुकदमें में बचाव की कोशिश बिल्कुल भी नहीं की गई थी। फिर भी सेशन जज के फैसले की अपील हाई कोर्ट में कर दी गई। यह भी भगत सिंह की योजना का ही एक अंग था। 


भगत सिंह अपने विचारों को हाई कोर्ट के मंच के माध्यम से जनता तक पहुंचाना चाहते थे। 

जस्टिस फोर्ड और जस्टिस एडिसन के सामने लाहौर हाई कोर्ट में अपील पेश हुई।


सभी का बयान सुनने के बाद सेशन जज के फैसले को बहाल रखते हुए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त को आजन्म कारावास का दण्ड सुना दिया।

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