ऊधमसिंह भाग - 3

 जनरल डायर की मृत्यु 1927 में ब्रेन हेमरेज से हो चुकी थी।



13 मार्च , 1940 के दिन सर माइकल ओ'डायर और लॉर्ड जैट लैंड दोनों एक साथ रॉयल सेंट्रल एशियन सोसायटी और ईस्ट इण्डिया एसोसिएशन द्वारा कैक्स्टन हॉल में आयोजित अफगानिस्तान के संबंध में एक परिसंवाद में भाग लेने के लिए उपस्थित हुए थे।



लॉर्ड जैट लैंड इस सेमिनार के अध्यक्ष थे और उन्हें इसका उदघाटन करना था। ऊधमसिंह मंच के एकदम सामने चार - पांच पंक्तियां छोड़ कर बैठ गया। 


सर माइकल ओ'डायर ने अपना भाषण दिया जो हमेशा की तरह भारत विरोधी था। ज्यो ही वह अपना भाषण समाप्त कर , अपनी कुर्सी की तरह मुड़े और सचिव धन्यवाद देने के लिए खड़े हुए, ऊधमसिंह एकदम खड़े हो गए और अपनी पिस्तौल निकालकर माइकल ओ'डायर को गोली मार दी। उस समय शाम के 4 बजे थे। 



लॉर्ड जैट लैंड को भी गोली लगी थी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। 


इस घटना के बाद ऊधमसिंह वहां से भागे नहीं और कहा कि " माइकल ओ'डायर को गोली मैने मारी है " किसी को डरने की जरूरत नहीं है।

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