महाराज पृथु के वंशज कौन हैं ?
💠 विष्णु पुराण के अनुसार पृथु के अन्तर्द्धान और वादी नामक दो पुत्र थे। उनमें से अन्तर्द्धान से उनकी पत्नी शिखंडिनी ने हविर्धान को जन्म दिया।
💠हविर्धान से अग्निकुलीना धिषणा ने प्राचीनबर्हि , शुक्र , गय, कृष्ण, वृज और अजिन ये छः पुत्र थे।
💠हविर्धान के पुत्र प्राचीनबर्हि एक प्रजापति थे। प्राचीन कुश समस्त पृथ्वि पर फैले हुए थे इसलिए वे महाबली प्रचीनबर्हि नाम से विख्यात हुए।
💠इन्होंने समुद्र की पुत्री सवर्णा से विवाह किया। प्राचीनबर्हि और सवर्णा के 10 पुत्र हुए, वे प्रचेता नामक पुत्र धनुर्विद्या के पारगामी थे। उन्होंने दस हजार वर्ष तक समान धर्म का आचरण करते हुए घोर तपस्या की।
💠एक बार प्राचीनबर्हि अपने पुत्रों से कहा की ब्रह्मा जी ने मुझे आज्ञा दी है कि तुम प्रजा की वृद्धि करो और मैंने भी उनसे बहुत अच्छा कह दिया है।
💠प्राचीनबर्हि के पुत्रों ने 10,000 वर्षों तक जल में ही स्थिर रहकर श्री हरि की तपस्या की।
💠वृक्षों की कन्या मारिषा हुई और इसे प्रचेताओं को दे दिया। मारिषा के ही पुत्र दक्ष प्रजापति हुए।
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