कुरु वंश के कितने राजा थे ?
🔘 विष्णु पुराण के अनुसार जह्नु के सुरथ नामक पुत्र थे। सुरथ के पुत्र विदूरथ, विदूरथ के पुत्र सार्वभौम, ,सार्वभौम के पुत्र जयत्सेन,जयत्सेन के पुत्र आराधित, आराधित के पुत्र अयुतायु, अयुतायु के पुत्र अक्रोधन और अक्रोधन के पुत्र देवातीथि हुये।
🔘 देवातीथि के पुत्र (अजमीढ़ के पुत्र ऋक्ष से भिन्न) दूसरे ऋक्ष का जन्म हुआ। ऋक्ष के पुत्र भीमसेन, भीमसेन के पुत्र दिलीप और दिलीप के प्रतीप नामक पुत्र हुये।
🔘 प्रतीप के पुत्र देवापी ,शांतनु और बाह्रीप थे, इनमें से देवापी बाल्यावस्था में ही वन में चले गये थे इसलिए इनके दूसरे पुत्र शांतनु राजा बने।
🔘 बाह्लीक के सोमनाथ नामक पुत्र हुये तथा सोमदत्त के भूरि, भूरिश्वा और शल्य नामक तीन पुत्र हुए।
🔘 शांतनु का विवाह गंगाजी से देवव्रत (भीष्म) और दूसरी पत्नी सत्यवती से चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुए।
इनमें से चित्रांगद को बचपन में ही चित्रांगद नामक गन्धर्व ने युद्ध में मार डाला।
🔘 विचित्रवीर्य ने काशी नरेश की पुत्रियों अंबिका और अम्बालिका से विवाह किया। विचित्रवीर्य अत्यंत भोगासक्त रहता था। जिसके कारण उन्हें यक्ष्मा रोग हो गया और उनकी मृत्यु हो गई।
🔘 तब सत्यवती के पुत्र कृष्णद्वैपायन (वेदव्यास) ने सत्यवती के कहने पर विचित्रवीर्य की पत्नियों से धृतराष्ट्र और पाण्डु नामक दो पुत्र उत्पन्न किये और उनकी दासी से विदूर का जन्म हुआ।
🔘 धृतराष्ट्र ने गांधारी से दुर्योधन, दुशासन आदि 100 पुत्र और एक पुत्री उत्पन्न हुई।
🔘 पाण्डु की पत्नी कुन्ती ने अपने वरदान से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन को जन्म दिया और माद्री से दोनों अश्विनी कुमारों के नकुल और सहदेव नामक दो पुत्र हुए।
🔘 इन पांचों का विवाह द्रौपदी से हुआ जिससे पांचों के पांच पुत्र हुए।
उसमें से युधिष्ठिर से प्रतिविन्धय ,भीमसेन से श्रुतसेन, अर्जुन से श्रुतकीर्ति, नकुल से श्रुतानीक तथा सहदेव से श्रुतकर्मा का जन्म हुआ।
🔘 इसके अलावा पांडवों के और भी कई पुत्र थे, जैसे युधिष्ठिर की पत्नी यौधेयी से देवक नामक पुत्र, भीमसेन की पत्नी हिडिंबा से घटोत्कच और काशी से सर्वग नामक पुत्र, सहदेव की पत्नी विजया से सुहोत्र का जन्म, नकुल की पत्नी करेणुमति से निरमित्र का जन्म हुआ और सहदेव की पत्नी विजया से सुहोत्र का जन्म हुआ।
🔘 मणिपुर नरेश की पुत्री से अर्जुन का बभ्रुवाहन नामक पुत्र हुआ और सुभद्रा से अभिमन्यु का जन्म हुआ। एक अन्य पत्नी उलूपि से इडावन नामक पुत्र हुआ।
🔘 इसके बाद अभिमन्यु के पुत्र को अश्वत्थामा ने ब्रहमास्त्र के प्रहार द्वारा गर्भ में ही मार दिया,लेकिन फिर श्री कृष्ण ने उसे पुनः जीवित कर दिया और परीक्षित ने उत्तरा के गर्भ से जन्म लिया। जो आगे चलकर हस्तिनापुर के राजा बने।
🔘 परीक्षित के चार पुत्र जनमेजय, श्रुतसेन, उग्रसेन और भीमसेन हुए।
Comments
Post a Comment