डॉक्टर मथुरासिंह भाग - 3
गिरफ्तारी और फांसी
बाद में मथुरासिंह जी को पंजाब भेज दिया गया।
मथुरासिंह जी बम बनाने में माहिर थे। पूरे भारत में एक संगठन तैयार हुआ और विद्रोह खड़ा करने की योजना थी। लेकिन संगठन के गद्दार "कृपाल " के कारण अंग्रेज सरकार को पता चल गया और धर पकड़ शुरू हो गई। लेकिन मथुरासिंह जी पकड़े नहीं गए।
इसके बाद मथुरासिंह जी काबुल की ओर गये ,"वजीराबाद" स्टेशन पर पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया, पर वहां कुछ घूस देकर वे बच निकले। काबुल जानें के बाद उन्हें वहां का " चीफ मेडीकल ऑफिसर " नियुक्त किया गया।
बाद में उन्हें किसी की मुखबिरी के कारण " ताशकंद" में गिरफ्तार कर लिया गया। फिर इनके ऊपर मुकदमा चला और मृत्यु दण्ड सुनाया गया और 27 मार्च 1917 को इन्हें फांसी दे दी गई।
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