तारकामय नामक युद्ध किसके लिये हुआ ?
💠चंद्रमा ने राजसूय यज्ञ किया और राजमद में चूर होकर देवताओं के गुरु बृहस्पति जी की पत्नी तारा का हरण कर लिया। सभी के समझाने पर भी उसे वापस नहीं किया। 💠बृहस्पति जी से द्वेष के कारण शुक्र जी ने भी चंद्रमा का साथ दिया और अंगिरा से विद्या लाभ के कारण भगवान रुद्र ने बृहस्पति जी की सहायता की (बृहस्पति जी अंगिरा के पुत्र हैं)। 💠जिस पक्ष में शुक्र जी थे उस ओर से जम्भ और कुम्भ आदि समस्त दैत्य दानव आदि ने भी सहायता की। 💠इंद्र देव ने बृहस्पति जी की सहायता की ,इस प्रकार तारा के लिए उन्हें तारकामय नामक अत्यंत घोर युद्ध किया गया। 💠 इस प्रकार देवासुर से क्षुब्द चित्त हो संपूर्ण संसार ने ब्रह्मा जी की शरण ली। तब भगवान ने शुक्र, रुद्र, दानव और देवगण को भी युद्ध निवृत्त कर बृहस्पति जी को तारा दिलवा दी। 💠तारा जब बृहस्पति जी के पास आयी तब वह गर्भवती थी। यह देखकर बृहस्पति जी ने कहा, "मेरे क्षेत्र में तुम्हें दूसरे का पुत्र धारण करना उचित नहीं है, इसे दूर कर, अधिक दृष्टि करना ठीक नहीं है। 💠बृहस्पति के ऐसे कहने पर उनकी पत्नी ने इस गर्भ को इषीकास्तंब (सींक की झाड़ी) में छोड़ दिया। 💠 उस बालक की स...