काला पानी जेल कैसी थी ?
ब्लॉक नंबर प्र.ल.को.की.सं. कुल जोड़
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1 35 105
2 35 105
3 52 156
4 22 66
5 26 78
6 20 60
7 40 120
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(प्र. ल. को. की. सं. = प्रति लाइन कोठरियों की संख्या)
प्रत्येक ब्लॉक के सामने एक तिकोना मैदान था। इसी मैदान में एक टीन से छाया हुआ कारखाना था, जिसकी दीवारें भी टीन से ही बनाई गई थी।
पहली ब्लॉक में बेंत का कारखाना था।
दुसरे ब्लॉक में नारियल का छिलका मशीन द्वारा साफ किया जाता और रस्सी बनाई जाती थी।
तीसरे ब्लॉक में पैरों से चलाने वाले कोल्हू और छिलका आदि कूटने का काम होता था।
4 नंबर ब्लॉक सूत रंगना ,दरी और कालीन बुनने का छोटा सा कारखाना और नारियल की कुटाई होती थी। कुछ दिनों बाद दरी और कालीन बुनने का काम बन्द करके केवल लोहे का काम होता था।
5 नंबर ब्लॉक में लकड़ी का काम होता था, 6 नंबर ब्लॉक में कोल्हू का और 7 नंबर ब्लॉक में नारियल का छिलका उतारकर फिर गरी निकालना।
यहां 7 बैरकों में 21 लाइनें थी, जिसमें 84 क़ैदी पहरा देते थे। हाथ में हरिकैन लालटेन लेकर तीन - तीन घंटे पहरा देते थे और दिन में कैदियों का काम देखते थे।
अंडमान की जेल में जो कम्बल मिलता ,वो आधा जूट और आधा ऊन होता था। यह इतना छोटा होता था कि केवल बिछाने के काम ही आ सकता था।

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