चाय को खोजने वाले चीनी शासक, चाय के कारण अमेरिका को आजादी, भारत में चाय
चाय को चीन के सम्राट शाॅन नाॅग ने 2737 ईसा पूर्व में खोजा था।
"शाॅन नाॅग" के उबाल कर पानी पीने की आदत थी। एक दिन बगीचे में टहलते हुए उनके उबालते हुए पानी में कई पत्ते गिर गए। इससे पानी में खुसबू के साथ, रंग भी आ गया, यह पीने में अच्छा और शरीर के लिए ऊर्जावान था।इसके बाद उन्होंने उन पत्तियों के झाड़ियों को अपने बाग में लगाने का आदेश दिया।
चीन ईरान और मिस्र में चाय को "राष्ट्रीय पेय" का दर्जा मिल चुका है। था।
प्राचीन समय में चीनी लोग इसे "किया" के नाम से जानते थे।
5 वीं शताब्दी में चाय को "चा" कहा जाने लगा, यह नाम "चा" आज चाय में बदल गया।
वर्तमान नाम "टी" शब्द को 1541 के दौरान यूरोप में "त" कहा जाता था।
1644 में इसे व्यापारिक भाषा में "टी" कहा जाने लगा।
5 वी शताब्दी के दौरान चाय औषधीय लाभ के लिए प्रयोग किया जाता था।
17 वीं शताब्दी में चाय पश्चिमी देशों में परिचित होने के साथ प्रसिद्ध भी हो गए हैं।
भारत में 1935 में "टी बोर्ड" की स्थापना की गई। इसने चाय उत्पादन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विरोध में अमेरिका के लोगों ने आंदोलन किया और दोनों देशों के बीच लड़ाई छिड़ गई।
"शाॅन नाॅग" के उबाल कर पानी पीने की आदत थी। एक दिन बगीचे में टहलते हुए उनके उबालते हुए पानी में कई पत्ते गिर गए। इससे पानी में खुसबू के साथ, रंग भी आ गया, यह पीने में अच्छा और शरीर के लिए ऊर्जावान था।इसके बाद उन्होंने उन पत्तियों के झाड़ियों को अपने बाग में लगाने का आदेश दिया।
चाय के कहां क्या नाम
चीन ईरान और मिस्र में चाय को "राष्ट्रीय पेय" का दर्जा मिल चुका है। था।
प्राचीन समय में चीनी लोग इसे "किया" के नाम से जानते थे।
5 वीं शताब्दी में चाय को "चा" कहा जाने लगा, यह नाम "चा" आज चाय में बदल गया।
वर्तमान नाम "टी" शब्द को 1541 के दौरान यूरोप में "त" कहा जाता था।
1644 में इसे व्यापारिक भाषा में "टी" कहा जाने लगा।
5 वी शताब्दी के दौरान चाय औषधीय लाभ के लिए प्रयोग किया जाता था।
17 वीं शताब्दी में चाय पश्चिमी देशों में परिचित होने के साथ प्रसिद्ध भी हो गए हैं।
भारत में चाय
1815 में अंग्रेजो का ध्यान उगने वाली चाय की झाड़ियों पर पड़ा, जिसे स्थानीय लोग पेय के रूप में इस्तेमाल करते थे ।भारत के गवर्नर जनरल "विलियम बेटिक" ने 1835 में चाय के और बाग लगवाए।भारत में 1935 में "टी बोर्ड" की स्थापना की गई। इसने चाय उत्पादन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
चाय के पौधे का वनस्पतिक नाम "कमेलिया साइनेसिस"
चीनी रिवाज
चीन के कई हिस्सों में मेहमानों को चाय देने के साथ पहले तीन बार आवाज़ दी जाती हैं।उमान को को, दुसरी बार चाय पीनी हो तो उसे प्याले में चाय छोड़नी पड़ती हैं, अन्यथा चाय का कप हटा दिया जाता हैं।चाय के कारण अमेरिका को आजादी मिली
चाय के कारण ही अमेरिका को इंग्लैंड से आजादी मिली थी।अमेरिका को इंग्लैंड में शासन के दौरान वहां की पार्लियामेंट ने अमेरिका जाने वाली चाय पर "कर" लगा दिया।विरोध में अमेरिका के लोगों ने आंदोलन किया और दोनों देशों के बीच लड़ाई छिड़ गई।




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