13 फरवरी को भी महिला दिवस, महिला दिवस की शुरुआत, रुस में 1 विश्व युद्ध के दौरान
प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को इंटरनेशनल वर्किंग वुमन डे भी कहा जाता है।
13 फरवरी को भी राष्ट्रीय महिला दिवस
8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के अलावा भारत में 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस भी मनाया जाता है। इसी दिन सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था,जो भारत की पहली महिला गवर्नर (उत्तर प्रदेश की ) थी।
महिलाओं को आदर, सम्मान प्रदान करने के लिए यह दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ हर साल इस दिन के लिए कोई थीम निर्धारित करती है।
लिंग - भेद खत्म करने , महिलाओं को बराबरी का अधिकार देने, उन्हें वोट देने और पब्लिक ऑफिस चलाने का अधिकार दिलाने के लिए अमेरिका ,डेनमार्क , जर्मनी आदि देशों में आंदोलन किया जाने लगा।
इसी क्रम में न्यूयॉर्क सिटी में 15000 महिलाओं ने मार्च निकाला था।
सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने महिलाओं के आंदोलन को समर्थन देने के लिए सबसे पहले 28 फरवरी , 1909 को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। 1913 तक लगातार फरवरी के आखिरी रविवार को यह दिवस मनाया जाता रहा।
1910 में जर्मनी में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की क्लारा जेटकिन अंतरास्ट्रीय स्तर पर महिला दिवस मनाने का आइडिया दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश में एक निश्चित दिन तय हो ,जिसे महिला दिवस के रुप में मनाया जाए। इस अवसर पर महिलाएं अपने अधिकारों की मांग करें।
इस कॉन्फ्रेंस में 17 देशों की अलग - अलग क्षेत्रों से 100 से अधिक महिलाएं मौजूद थीं। जेटकिन का यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुआ। बाद में दुनिया के तमाम देशों में अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा।
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान रूस में महिला दिवस
1913 में प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान रूस में महिला दिवस मनाया गया।कई वार्ताओं के बाद उसी वर्ष यह तय किया गया कि फरवरी के अंतिम रविवार की बजाय हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा।
प्रथम विश्वयुद्ध में मारे गए सैनिकों के प्रति संवेदना प्रकट करने के लिए रुसी महिलाओं ने " ब्रेड एंड पीस " बैनर
के तहत महिलाओं को और अधिक अधिकार देने की मांग की। उनका यह विरोध चार दिनों तक चला। बाद में उनके आगे राजशाही को झुकना पड़ा । इसके बाद सत्ता में आई सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया।
चीन में पहला महिला दिवस
1949 में चीन में " रिपब्लिक ऑफ चाइना " की स्थापना के बाद 8 मार्च को वहां की महिलाओं के लिए ऑफिशियल हॉलिडे घोषित करने का निर्णय लिया गया।संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1975 में अपने सदस्य राष्ट्रों से 8 मार्च को महिला अधिकार और विश्व शांति का दिन घोषित करने को कहा।

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