क्रांतिकारियों की नौजवान भारत सभा क्या थी ?
सन् 1926 में सुखदेव, भगत सिंह, भगवतीचरण वोहरा आदि ने लाहौर में "नौजवान भारत सभा " का गठन किया। इसका वास्तविक उद्देश्य इश्तहारों, वक्तव्यों और सभाओं के द्वारा अपने विचारों को जनसामान्य तक पहुंचाना था।
भगत सिंह के कानपुर से नौजवान भारत सभा के इस काम में उनके साथी थे भगवतीचरण वोहरा। इसे सभी क्रांतिकारियों का समर्थन मिला।
सभा ने भारतीय स्वतंत्रता के लिए बलिदान होने वाले शहीदों का "बलिदान दिवस " मनाना शुरू किया, जिससे जन - जन तक इस संस्था का नाम पहुंच गया। इस सभा का उद्देश्य थे -
1) समस्त भारत के मजदूरों और किसानों का एक पूर्ण स्वतंत्र गणराज्य स्थापित करना।
2) अखण्ड भारत राष्ट्र के निर्माण के लिए नौजवानों में देशभक्ति की भावना उत्पन्न करना।
3) ऐसे सभी आंदोलनों की सहायता करना जो सांप्रदायिकता विरोधी हों , और
4) किसानों और मजदूरों को संगठित करना।
क्रान्तिकारी दल के लिए जोशीले सदस्यों की खोज भी सभा का एक उद्देश्य था। इसी काम के लिए भगत सिंह ने लाहौर के विद्यार्थियों की भी एक यूनियन संगठित की थी, जो " नौजवान भारत सभा " का ही एक अंग है।
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