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Showing posts from February, 2020

आईने का इतिहास ?

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आइने के आविष्कार से पहले पुराने जमाने में लोग अपना चेहरा देखने के लिए ठहरें हुआ पानी का इस्तेमाल करते थे। लगभग 8 हजार साल पहले ऑपसेडियाम  नाम के पत्थर के ऊपर पॉलिश करके अपनी तस्वीर देखने के लिए एक आईना बनाया गया था।                           ऑपसेडियाम ऑपसेडियाम  एक ज्वालामुखीय पदार्थ था, जो उस समय के लोगों को प्राकृतिक रूप से प्राप्त हो जाता था। उस पत्थर को लगभग 6000 ईसा पूर्व इनाटोलिया  में लोग इस्तेमाल करते थे।जिसे आज के समय में तुर्की  के नाम से जाना जाता है। पीतल के आईने मेसोपोटामिया में 4 000 साल  पहले पॉलिश किए हुए पीतल का इस्तेमाल आईने का प्रयोग किया जाता था।        तांबे के आईने  लगभग  3 000 ईसा पूर्व प्राचीन मिस्रवासी भी पॉलिश किए हुए तांबे के आइने को परायों करते थे।  लगभग 2 000 ईसा पूर्व  से चीन और भारत में कॉपर , कांच और मिश्रित धातु से शीशे का उत्पादन किया गया। धातु के शीशे बहुत महंगे होते थे और उन...

दुनिया में सबसे पहला ग्लोब किसने बनाया ?

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दुनिया में सबसे पहला  ग्लोब का निर्माण जर्मनी के "  नक्शानवीय मार्टिन बेहामिन " ने  1492 में किया था। उन्होंने इसको अर्थ एप्पल ( Earth Apple )  का नाम दिया। ग्लोब  का व्यास   21 इंच  था। जिस पर अक्षांतर व देशांतर  रेेेेेखाओं  का भी चिन्ह नहीं था। मात्र भूमध्य रेखा, कर्क रेखा और एक सर्वोच्च रेखा के साथ ही राशियों  के चिन्ह होने के कारण यह पेंटिंग का नायाब नमूना था।   "  नक्शानवीय मार्टिन  बेहामिन "  को इसकी प्रेेरणा " निकोलस कॉपरनिकस "    से    मिली। " निकोलस कॉपरनिकस "  ने कहा था कि पृथ्वी और उसके आस पास के सारे ग्रह समतल नहीं, गोल हैं। उन्होंने उस समय के विद्वानों की इस धारणा को नकार दिया था कि पृथ्वी सौरमंडल का केंद्र हैं।                         निकोलस कॉपरनिकस

साईकिल किसने कब बनाई, साइकिल का म्युजियम और साईकिल की पहली रेस

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ब्रिटेनिका इनसाइक्लोपीडिया की मानेें तो लियोनार्डो द विंचि  की पेंटिंग में मिली थी, साइकिल की पहली डिज़ाइन। यह पेंटिंग बनाई गई सन् 1492 में। चार पहिए की साइकिल माना जाता है कि पहिए के वाहन बनने की शुरुआत 1418 में गीयोवानी फोनटाना (Giovanna Fontana) नामक ,इटली के इंजिनियर  को सबसे पहली साइकिल का निर्माता माना जाता हैं। गीयोवानी फोनटाना  नेे चार पहिया वाहन जैसा ही कुछ बनाया था। दो पहिए वाली साइकिल दो पहिए वाली पहली साइकिल को जर्मनी के बोरेन कोर्ल वॉर्न ड्रेस डी साउब्रून ने 1813 में बनाया था। वर्ष  1817  में उन्हींने 14 किमी तक इसकी सवारी की थी। 1818    में इस अनोखी मशीन को लोगों ने पहली बार पेरिस में लगाई गई एक प्रर्दशनी में देखा। बोरेन कोर्ल  वॉर्न  ड्रेस डी साउब्रून अपनी सवारी को  रनिंग मशीन कहते थे। यह लकड़ी की बनी होती थी। इसमें पैडल नहीं होता था। इसे चलाने के लिए साइकिल की सीट पर बैठ कर चालक को जमीन पर दौड़ लगाना पड़ता था। यह उस समय काफी महंगी हुआ करती थी। इसे  हॉबी हॉर्सेज  के ...

घोड़ों के लिए ट्रैफिक सिग्नल ,किसने बनाया ट्रैफिक सिग्नल और कहां लगा

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ट्रैफिक सिग्नल का पहला प्रयोग ट्रैफिक सिग्नल का पहला प्रयोग 1868 में ब्रिटेन के हाउस ऑफ पार्लियामेंट में हुआ। उस समय ट्रैफिक सिग्नल के बजाय दो रंगो (लाल, हरा)  की लालटेन हुुुआ करती थी,जिन्हें गैस से जलाया जाता था। इस खास तरह के ट्रैफिक सिग्नल का आविष्कार किया था जे. पी. नाइट ने।   घोड़ों के लिए ट्रैफिक सिग्नल - ब्रिटिश पार्लियामेंट में बड़ी संख्या में घोड़ों को रखने के व्यवस्था थी। वहां ट्रैफिक सिग्नल का इस्तेमाल पार्लियामेंट के अस्तबल में घोड़ों की बड़ी संख्या को नियंत्रित करने के लिए किया जाता था। लैंप के रंग को देखने के बाद घोड़े अपने - अपने स्थान को पहचान लेते थे। इससे वे दुर्घटना से भी बच जाते थे। आगे जाकर उक्त गैस लालटेन का इस्तेमाल  ब्रिटेन के ट्रैफिक पुलिस ऑफिसर भी करने लगे। पर एक दिन इसी गैस लालटेन के कारण एक बड़ी दुर्घटना हो गई। जिससे इसका इस्तेमाल बंद हो गया। अमेरिका में ट्रैफिक सिग्नल 1920 से अमेरिका  में सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या बढ़ने पर ट्रैफिक सिग्नल का नियमित प्रयोग शुरु हुआ। 1923 में  ट्रैफिक सिग्नल के निर्माण में ...

13 फरवरी को भी महिला दिवस, महिला दिवस की शुरुआत, रुस में 1 विश्व युद्ध के दौरान

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प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाए जाने वाले  अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को इंटरनेशनल वर्किंग वुमन डे भी कहा जाता है। 13 फरवरी को भी राष्ट्रीय महिला दिवस  8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के अलावा भारत में 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस भी मनाया जाता है। इसी दिन सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था,जो भारत की पहली महिला गवर्नर (उत्तर प्रदेश की ) थी। महिलाओं को आदर, सम्मान प्रदान करने के लिए यह दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्रसंघ हर साल इस दिन के लिए कोई थीम निर्धारित करती है। लिंग - भेद खत्म करने , महिलाओं को बराबरी का अधिकार देने, उन्हें वोट देने और पब्लिक ऑफिस चलाने का अधिकार दिलाने के लिए अमेरिका ,डेनमार्क , जर्मनी आदि देशों में आंदोलन किया जाने लगा। इसी क्रम में न्यूयॉर्क सिटी में 15000 महिलाओं ने मार्च निकाला था। सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने महिलाओं के आंदोलन को समर्थन देने के लिए सबसे पहले 28 फरवरी , 1909 को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया।  1913 तक लगातार  फरवरी के आखिरी रविवार को यह दिवस मनाया जाता रहा। 1910 में जर्मनी में सोशल डेमोक्रेट...

हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने वाला पहला व्यक्ति , 911 यूनिवर्सल नंबर

पहला हेल्पलाइन नंबर ब्रिटेन में शुुरु हुआ।  1 जुलाई 1937 को लंदन में 999  नंबर की सेवा शुरु की गई। जिसमें पूरे देश में कहीं से भी कॉल कर सकते हैं। पहले अमेरिका में भी हर समस्या के लिए अलग आपातकालीन नंबर होता था।  1957 यूएस नेशनल एसोसिएशन ऑफ फायर के प्रमुुख के मन में ये ख्याल आया कि एक  ऐसा नम्बर होना चाहिए , जिस पर किसी भी आपात स्थिति में और किसी भी समस्या पर देेश भर के लोग मदद के लिए कॉल कर सके। एक दशक के विचार विमर्श के बाद  911  नंबर पर सहमति मिली। 16 फरवरी 1968 पर पहली बार अलबामा के सीनेटर रैनकिन फाइट ने इस नंबर पर पहली कॉल थी। पहली कॉल के बाद ही इस नंबर का इस्तेमाल आम हो गया। इसे यूनिवर्सल एमरजेंसी नंबर कहा गया। अमेरिका के अलावा कनाडा, कोस्टारिका, जॉर्डन, लाइबेरिया, पराग्वे आदि में भी 911 ही यूनिवर्सल नंबर हैं।  यूरोप,  रुस, यूक्रेन, स्विजरलैंड  आदि   में  112  को यूनिवर्सल एमरजेंसी नंबर के रूप में 1990 में आरंभ हुआ। भारत में 1 जनवरी 2020 से 112 नंबर को डाॅयल कर देश की सभी एमरजेंसी सेव...

टेलीग्राम कब, किसने शुरु किया और आखिरी टेलीग्राम किसने किसको भेजा

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टेलीग्राफ सेवाएं 1837 में सबसे पहले अमेरिकी आविष्कारक " सैमुएल एफबी मोर्स " ने इलेक्ट्रिकल सिग्नलों द्वारा टेलीग्राफी तंत्र विकसित करने में कामयाबी पायी। सूचनाओं को भेजने के लिए उन्होंने मोर्स कोड विकसित किया। उन्होंने टेलीग्राफी के कामर्शियल उपयोग के बारे में भी बताया, उसके बाद लंबी दूरी की  सूचनाओं को प्रेषित करने और प्राप्त करने के यंत्र को टेलीग्राफ और उन संदेशों को टेलीग्राम कहा जाने लगा। भारत में टेलीग्राम भारत में टेलीग्राम की शुरुआत 1851 में कोलकाता और डायमंड हार्बर के बीच पहली टेलीग्राम सेवा शुरु हुई। 1854 में ब्रिटेन सरकार ने भारत के लिए पहला टेलीग्राफी एक्ट पास किया।उसी साल व्यवस्थित तरीके से देश में पोस्ट विभाग की भी स्थापना हुई।  उसके अधीन देश भर के 700 पोस्ट ऑफिस थे। टेलीग्राम विभाग को भी उसी के साथ संबद्ध कर दिया गया और उसका नाम पोस्ट और टेलीग्राम विभाग हो गया। सार्वजनिक टेलीग्राम सेवाएं 1855 में सार्वजनिक टेलीग्राम सेवाएं शुरु हुई। 400 मील तक प्रत्येक 16 शब्द (पता समेत )  पर एक रुपए का चार्ज लिया जाता था और शाम 6 बजे से लेकर सुबह 6 ब...

चाय को खोजने वाले चीनी शासक, चाय के कारण अमेरिका को आजादी, भारत में चाय

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चाय को चीन के सम्राट शाॅन नाॅग ने 2737 ईसा पूर्व में खोजा था। "शाॅन नाॅग" के उबाल कर पानी पीने की आदत थी। एक दिन बगीचे में टहलते हुए उनके उबालते हुए पानी में कई पत्ते गिर गए। इससे पानी में खुसबू के साथ, रंग भी आ गया, यह पीने में अच्छा और शरीर के लिए ऊर्जावान था।इसके बाद उन्होंने उन पत्तियों के झाड़ियों को अपने बाग में लगाने का आदेश दिया। चाय के कहां क्या नाम चीन ईरान और मिस्र में चाय को "राष्ट्रीय पेय" का दर्जा मिल चुका है। था। प्राचीन समय में चीनी लोग इसे "किया" के नाम से जानते थे। 5 वीं शताब्दी में चाय को "चा" कहा जाने लगा, यह नाम "चा" आज चाय में बदल गया। वर्तमान नाम "टी" शब्द को 1541 के दौरान यूरोप में "त" कहा जाता था। 1644 में इसे व्यापारिक भाषा में "टी" कहा जाने लगा। 5 वी शताब्दी के दौरान चाय औषधीय लाभ के लिए प्रयोग किया जाता था। 17 वीं शताब्दी में चाय पश्चिमी देशों में परिचित होने के साथ प्रसिद्ध भी हो गए हैं। भारत में चाय 1815 में अंग्रेजो का ध्यान उगने वाल...

200 ईसा पुरानी आइसक्रीम, दुनिया का पहला आइसक्रीम पार्लर , साईकिल पर आइसक्रीम

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1) 200 ईसा पूर्व के आस पास चीन में चावल और दूध के मिश्रण को जमाकर खाने की परम्परा मिलती है। 2) रोम के शासक " नीरो " (शासन काल 37 ई॰ से  68 ई॰ तक) पहाड़ों पर जमी बर्फ मंगाता था और उसे फलों के ऊपरी हिस्से में मिलाकर खाता था। 3) संभवतः अरब जगत के लोगों ने सबसे पहले आइसक्रीम के उत्पादन में बड़े पैमाने पर दूध का इस्तेमाल शुरु किया।वे फलों की बजाय चीनी मिलाकर इसे मीठा करते थे। 4) फालूदा आइसक्रीम की शुरुआत ईरान और अफगानिस्तान में मानी जाती है। मुगल शासन काल में ये भारत में आई। पहला आइसक्रीम पार्लर आइसक्रीम बनाने के आसान तरीके के विकसित होने से इसकी खपत में बढ़ोत्तरी हुई। उसी दौर में रेफ्रिजरेटर के अस्तित्व में आने के बाद इसको घरों में संरक्षित रखा जाना शुरू हुआ। दुनिया का पहला आइसक्रीम पार्लर  दुनिया के पहले आइसक्रीम पार्लर की शुरुआत 1776 में अमेरिका में हुई थी। 20 वी सदी में ब्रिटेन में आइसक्रीम बनने के आसान तरीके विकसित होने से इसकी खपत में बढ़ोत्तरी हुई। उसी दौर में रेफ्रिजरेटर के अस्तित्व में आने के बाद इसको घरों में संरक्षित रखा जाना शुरु हुआ ...

2500 साल पुराना केसर, केसर के संस्कृत ,उर्दू ,बंगाली और पंजाबी में नाम

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केसर का इतिहास 2500 साल पुराना है। कुछ लोगों का मानना है कि 500 BC में पर्सिया के शासक ने कश्मीर पर जीत हासिल करने के बाद भारत में केसर का परिचय कराया था। केसर पहले कश्मीर के पंपोर में उगता था।फिर 14 वीं शताब्दी के बाद केसर कश्मीर में कई जगहों पर उगने लगा।    कश्मीर के पंडित मुहम्मद युसुफ तेंग ने कहा कि कश्मीर की घाटी में केसर 250,000 साल से है और हिन्दुओं की प्राचीन किताब में  इसका जिक्र है। भारत में पुराने जमाने में केसर का टीका धन का प्रतीक माना जाता था। भारत में राजा ,महाराजाओं के कपड़ों को केसर से रंगवाया जाता था। उस समय ये बहुत ही महंगा रंग था। संस्कृत में केसर के नाम - केसरम, कुमकुम, अरुणा, असरा, असरिका आदि नाम से जानते है।  पंजाबी, उर्दू और बंगाली में इसे जाफरान कहते है।   केसर का दाम - ब्रिटेन के वॉल्टर लॉरेन ने अपनी किताब (Value of Kashmir) में लिखा है कि 1920 के आस पास केसर का दाम होता था 1 तोला यानी 1 रूपए में 11.3gm । केसर को रजिस्टर डाक द्वारा भारत के बाकी हिस्सों में भेजा जाता है। उस समय में 1 तोला सोना लगभग 50 से 60 रूपए में ...

विष्णु नारायण भातखंडे, कार्य,संगीत विद्यालयों ,पुस्तकें, मृत्यु

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प्रारम्भिक जीवन विष्णुनारायन भातखंडे का जन्म 10 अगस्त सन् 1860 बंबई प्रांत के बालकेश्वर नामक स्थान में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन हुआ था। संगीत शिक्षा  उन्हें अपने पिता से जिन्हें संगीत से अथाह प्रेम था,संगीत सीखने की प्रेरणा मिली। वे स्कूली शिक्षा के साथ संगीत शिक्षा भी ग्रहण करते रहे। उन्होंने सितार,गायन और बांसुरी की शिक्षा प्राप्त की और तीनों का अच्छा अभ्यास किया। सेठ बल्लभदास से सितार और गुरुराव बुआ बेलबाथकर,जयपुर के मुहम्मद अलिखां, ग्वालियर के पंडित एकनाथ,रामपुर के कस्बे अली खां से गायन सीखा।  सन् 1883 में बी ए और 1890 में एल  एल बी की परीक्षाएं पास की। कुछ समय तक वकालत की , फिर वकालत छोड़ कर संगीत की सेवा में लग गए।           विष्णुनारायन भातखंडे कार्य संगीत के शास्त्रीय पक्ष की ओर संगीतज्ञों का ध्यान आकर्षित करने का श्रेय पंडित जी को है। उनके समय के संगीतज्ञ संगीत शास्त्र पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते थे,गायन वादन में बड़ी विषमताएं आ गई थी। उन्होंने देश के विभिन्न भागों का भ्रमण किया और संगीत के प्राचीन ग्रंथो की खोज की। यात्रा में जहा...

10 हज़ार सालो की सज़ा पाने वाला व्यक्ति

1) " अलास्का " के डुएल बिल्हेम डेविस को 1981 ई॰ में 10 हजार सालों की सज़ा सुनाई गई थी। 2)" केबिन ओनगो " नाम  के व्यक्ति ने ताश का एक पत्ता 185 फूट दूर फेंका था।वह अमेरिका का रहने वाला था।

केवल 8 साल और 8 माह में बी.ए.की डिग्री हाासिल करने वाला व्यक्ति

एडगन डिनेली अमेरिका के रहने वाले एक  व्यक्ति, एडगन डिनेली ने  1988 में केवल 8 साल और 8 माह में बी. ए. की डिग्री हाासिल की थी।

लगभग 60 सालों से जागने वाले व्यक्ति

जिसम डिफ्रटैस -- जिसम डिफ्रटैस ,वह व्यक्ति है जो 1954 से नहीं सोएं है,यह लगभग 60 सालो से नहीं सोएं है। यह स्पेन के रहने वाले है।

एक लाख कहानियां याद करने वाला व्यक्ति

जाॅन जैकब विश्व के ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें 1 लाख कहानियां ,20 हजार कविताएं और 15 हजार व्यक्तियो के नाम याद थे।वह इजरायल के रहने वालेे थे।

अपने जीवन काल में केवल तीन बार नहाने वाला शासक

एक ऐसा शासक भी था जो अपने पूरे जीवन काल में केवल  तीन बार नहाया था,और वह शासक है -  " लुई चौदहवां "

नायलॉन का आविष्कार

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नायलॉन  का आविष्कार   --- 1935 में अमेरिका के वैज्ञानिक " वाॅलेश कैरोथर्स " ने किया था ।  वाॅलेश कैरोथर्स

इलास्टिक का इन्वेंशन

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                    इलास्टिक का इन्वेंशन 1820 में हुआ था।  इलास्टिक का  इन्वेंशन " थाॅमस हैनकॉक " ने किया था।

भेड़ों के लिए रेनकोट

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भेड़ों के लिए रेनकोट स्कॉटलैंड के पहाड़ी इलाकों में इतनी अधिक बारिश होती है कि वहां के किसान अपनी भेड़ों के लिए रेनकोट खरीदते है।

रेनकोट का आविष्कार

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रेनकोट का आविष्कार 1823 में " चार्ल्स मैकिंटोश "ने रेनकोट का अविष्कार किया।उन्हीं को कई जगह " मैंक " भी कहा जाता हैं।                                चार्ल्स मैकिंटोश इसके लिए उन्होंने दो सुती चादरों के बीच रबड़ की चादर लगाकर इसे " वॉटर प्रूफ " बनाया पर यह भीगने पर काफी भारी हो जाती थी और इसमें से अजीब सी गंध भी आती थी।

दुनिया का पहला ताला चाभी !

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पहला ताला चाभी दुनिया में पहला ताला चाभी का सबसे पहले इस्तेमाल प्राचीन मिस्र में हुआ था। प्राचीन मिस्रवासी डी लकड़ी के खाचो को [ जो खास पैटर्न में काटे गए होने के कारण एक दूसरे में फिट हो जाते थे ] तले के रूप में इस्तेमाल करते थे इन्हें केवल तीसरी लकड़ी डालकर ही खोला जाता था।

रेडियो प्रसारण का प्रारंभ

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रेडियो प्रसारण का प्रारंभ भारत में रेडियो प्रसारण का प्रारंभ  1927 में बम्बई (मुंबई) और कोलकाता में दो निजी (प्राइवेट) स्वामित्व वाले ट्रांसमीटरों की सहायता से हुआ। सन् 1930 में सरकार ने इसे अपने हाथ में ले लिया।

24 घंटो में बना चर्च

24 घंटो में बना चर्च बेसेनडीन स्थित "द चर्च ऑफ क्राइस्ट" को 4 जनवरी 1913 को 120 कारीगरों ने मात्र 24 घंटों में तैयार किया था।अगले दिन से वहां धार्मिक कार्य प्रारंभ हो गए थे।

एक मिनट का चर्च

एक मिनट का चर्च बारमाउथ (वेल्स ब्रिटेन) में 1105 में बनाया गया। सेंट जॉन चर्च की नीव के केवल एक कमजोर पत्थर के कारण पूरा बनने के सिर्फ एक मिनट बाद ही चर्च, गिर गया। इसे फिर बनाया गया और नई इमारत आज तक है।  

साढ़े चार फुट का चर्च

साढ़े चार फुट का चर्च विश्व का सबसे छोटा गिरिजाघर अमेरिका के विस्कैंसेंट मायने में है। रेवरेंड लुई डब्ल्यू बेस्ट द्वारा बनवाया गया चर्च मात्र साढ़े चार फुट चौड़ा और 7 फुट लंबा है।

जानवरों के डाक्टर महाभारत काल के !

नकुल अश्व चिकित्सा में नकुल निपुर्ण थे। अज्ञातवास में विराट को उन्होंने अपना परिचय अश्व चिकित्सक के रुप में ही दिया था। नल- राजा नल अश्व परिचालन और अश्व के स्वभाव के ज्ञान के बहुत बड़े ज्ञाता थे। आचार्य शालिहोत्र- अश्वशास्त्र आचार्य शलिहोत्रा ने लिखी थी। सहदेव- सहदेव बहुत अच्छे गौ चिकित्सक थे । विराट में उन्होंने अपना परिचय इसी रुप में दिया था। अश्व (घोड़ा) गौ (गाय)

11 वी सदी का टूथब्रश

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11 वी सदी का टूथब्रश दुनिया का पहला टूथब्रश चीन में 11 वीं शताब्दी में बना था। शुरुआत में सूअर के बालों से टूथब्रश बनते थे,लगभग 4 सौ सालों तक यह सिलसिला चला।               सूअर के बालों का टूथब्रश बाद में कृत्रिम बालों से टूथब्रश बनने लगे। आज के समय के टूथब्रश का अविष्कार 16 वीं शताब्दी में हुआ था।   इसके ब्रिशल नायलॉन के बने होते थे। सबसे पहले   ड्यूपोन्ट डी डाक्टर वेस्ट मिरेकल   के नाम से प्रचलित किया गया।                          

दूरदर्शन का प्रारम्भ

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दूरदर्शन की शुरुआत  1959 में हुईं। दूरदर्शन का पहला धारावाहिक का नाम  हम लोग था, इसका प्रसारण 7 जुलाई 1974  से 17 दिसम्बर 1985 तक हुआ। भारत में पहले रंगीन कार्यक्रम का प्रसारण  15 अगस्त 1982 को  पहला कार्यक्रम शुरू हुआ। उस समय की प्रधानमंत्री रही  इंदिरा गांधी  का स्वतंत्रता दिवस का भाषण था इसका पहला प्रसारण था।

प्राचीन भारत का प्रथम विवाह

उद्दालक नामक ऋषि के पुत्र " श्ववेतकेतु " ने सबसे पहले विवाह की प्रथा का नियम बनाया था। महाभारत कालीन नामक पुस्तक के अनुसार एक बार श्वेतकेतु अपनी माता - पिता के साथ बैठे थे। तभी वहां एक ब्राह्मण आए और उनकी माता का हाथ पकड़कर लेे जाने लगे,ये देखकर श्वेतकेतु को बहुत क्रोध आया। उनको क्रोध में देखकर उनके पिता उद्दालक ने कहा,पुत्र स्त्रियां स्वैराचारिणी होती है।