महर्षि भृगु

✳️महर्षि भृगु और उनकी पत्नी ख्याति से लक्ष्मी जी और धाता ,विधाता नामक दो पुत्र थे।

✳️ महर्षि मेरु की आयति और नियति नाम की कन्याएं थी जिनका धाता और विधाता से विवाह हुआ था।

उनसे उनके प्राण और मृकण्डु नामक दो पुत्र हुए। 

✳️मृकण्डु से मार्कण्डेय और उनसे वेदशिरा का जन्म हुआ। 

✳️प्राण का पुत्र द्युतिमान और उसका पुत्र राजवान हुआ। 

✳️ अंगिरा की पत्नी स्मृति थी, उसके सिनिवानी, कुहू, राका और अनुमति नाम की दो कन्याएं हुई। 

✳️अत्रि की पत्नी अनुसूया थी ,जिनके चन्द्रमा, दुर्वासा, योगी और दत्तात्रेय नामक पुत्र थे। 

✳️पुलस्य ऋषि की पत्नी प्रीति थी जिनसे दत्तोलिका का जन्म हुआ जो अपने पूर्व जन्म में स्वयंभू मन्वंतर में अगस्त्य कहे जाते थे।

✳️वशिष्ठ की ऊर्जा नामक पत्नी थी,जिनसे रज, गोत्र, ऊर्ध्वबाहु, सवन, अनघ, सुतपा और शुक्र ये साथ पुत्र हुए। ये सभी तीसरे मन्वंतर में सप्तऋषि हुए। 

✳️प्रजापति पुलह की पत्नी क्षमा थी ,जिनसे कर्दम, उर्वरीयान और सहिष्णु ये तीन पुत्र थे।

✳️कक्तु की संतति नामक भार्या ने अंगूठे के पोरुओं के समान शरीर वाले तथा प्रखर सूर्य के समान 60,000 मुनियों को जन्म दिया।

Comments

Popular posts from this blog

युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ

किस ऋषि का विवाह 50 राजकुमारियों से हुआ था ?

पुराणों में इंद्र, सप्तऋषि मनु और मन्वन्तर क्या है ?