कमला देवी चटोपाध्याय - 1
पहली ऐसी भारतीय महिला थी जिन्होंने चुनाव में खड़े होने का साहस दिखाया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
कमला देवी चटोपाध्याय का जन्म 3 अप्रैल,1903 को मंगलोर (कर्नाटक) के एक संपन्न ब्राह्मण परिवार में हुआ था। ये अपने माता पिता की चौथी और सबसे छोटी संतान थी।
इनके पिता अनंथाया धनेश्वर मंगलोर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर थे और इनकी मां गिरिजाबाई भी पढ़ी लिखी महिला थी।
जब इनकी उम्र केवल 7 साल थी, तब इनके पिता का देहांत हो गया। इनका पहला विवाह 1917 में, 12 साल की उम्र में ही कृष्ण राव के साथ हुआ था लेकिन दो वर्ष के अंदर ही इनके पति का देहांत हो गया।
बाद में इन्होंने 1923 में अपनी मर्जी से सरोजिनी नायडू के छोटे भाई हरिंद्रनाथ चटोपाध्याय से दुसरा विवाह किया। हरिंद्रनाथ एक कवि और नाटककार थे। शादी के बाद वे अपने पति के साथ लंदन चली गई।
वहां जाकर उन्होंने लंदन युनिवर्सिटी के बेडफोर्ट कॉलेज से समाजशास्त्र में डिप्लोमा की डिग्री हासिल की। इन्होंने भारतीय पारंपरिक संस्कृत ड्रामा कुटियाअट्टम (केरल ) का गहन अध्ययन भी किया था।
इनके पुत्र का नाम रामकृष्ण चटोपाध्याय था। इनके दूसरी शादी के 32 सालों बाद ही इनका तलाक हो गया।
पहला चुनाव
वे पहली ऐसी भारतीय महिला थी जिन्होंने 1920 के दशक में खुले राजनीतिक चुनाव में खड़े होने का साहस दिखाया।
1926 में जब मद्रास प्रांतीय विधान परिषद् के लिए चुनावों से ठीक पहले महिलाओं को चुनाव लड़ने की अनुमति मिली तब कमला देवी भारत की पहली महिला बनी जिन्होने चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गई।

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