कुबेर कौन है ?
ब्रह्मा जी के मानस पुत्र पुलस्त्य जी थे जिनकी पत्नी का नाम गौ था।
इनके पुत्र वैश्रवण (कुबेर) अपने पिता को छोड़कर अपने पितामह की सेवा में रहने लगे ,इसके कारण उनके पिता उन पर क्रोधित हो गये और पुलस्त्य जी ने अपने आपको ही दूसरे रूप में प्रकट कर लिया।
पुलस्त्य जी के आधे शरीर से जो दूसरा द्विज प्रकट हुआ, उनका नाम विश्रवा था। विश्रवा ,वैश्रवण से बदला लेने के लिए सदैव कुपित रहते थे।
लेकिन पितामह ब्रह्मा जी वैश्रवण पर प्रसन्न थे। उन्होंने वैश्रवण को अमरत्व प्रदान किया और उन्हें धन का स्वामी तथा लोकपाल बना दिया।
वैश्रवण का एक नलकुबर नामक पुत्र था और लंका को इनकी राजधानी बनाया।
साथ ही उन्हें इच्छानुसार विचरने वाला पुष्पक विमान भी दिया। ब्रह्मा जी ने उन्हें यक्षों का स्वामी भी बनाया और उन्हें राजराज की पदवी भी दी।

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