शकुंतला का नाम शकुंतला कैसे पड़ा ?
एक बार ऋषि विश्वामित्र तपस्या में लीन थे। तब इन्द्रदेव ने उनकी तपस्या भंग करने के लिए मेनका नाम की अप्सरा को भेजा। विश्वामित्र मेनका पर आसक्त हो गए और उनकी तपस्या भंग हो गई।
शकुंतला, मेनका और ऋषि विश्वामित्र की पुत्री थी। मेनका ने हिमालय के शिखर पर मालिनी नदी के किनारे शकुंतला को जन्म दिया और उस बच्चे को उसी वन में छोड़कर वो इंद्र लोक लौट गई।
उस जंगल में जंगली जानवरों से बचाने के लिए शकुंतो (पक्षियों) ने वन में उस बच्ची को अपने पंखों से चारों ओर से ढ़क लिया। जिससे उस बच्ची की जान बच गई। तभी वहां कण्व ऋषि आ गये और उस बच्ची को अपने साथ ले गये।
शकुंतो पक्षियों द्वारा बचाए जानें के कारण कण्व ऋषि ने इस बच्ची का नाम शकुंतला रख दिया।
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