कैसी थी प्राचीन भारत के पैदल सैनिकों की वेशभूषा और अस्त्र शस्त्र ?
1) महाभारत के अनुसार पैदल सैनिक लाल रंग के कपड़े पहनते थे।
2) नील वस्त्रधारी , पितवस्त्रधारी , लाल पगड़ी वाले, सफेद वस्त्र वाले और अलग - अलग तरह के कपड़े पैदल सैनिक पहनते थे , जिसका वर्णन महावेस्सन्तर जातक में मिलता है।
3) धनुष बाण उनका प्रमुख अस्त्र शस्त्र, तलवार , विभिन्न प्रकार के भाले , परशु और गदा आदि का इस्तेमाल किया जाता था।
4) पैदल सैनिक अपनी रक्षा के लिए कवच धारण करते थे। जैन ग्रंथो के अनुसार हाथो पर चमड़े की पट्टी बांधते थे।
5) अलीढ़ , प्रत्यालीढ़ , वैशाख, मंडल और समपाद नाम के आसन योद्धा लोग धनुष - बाण चलाते समय स्वीकार किया करते थे।
6) पैदल सैनिक तलवार , शक्ति, मीन्दीपाल , बरछी, तोमर, भाला, तीर, शुल गोफन,धनुष - बाण आदि शस्त्र इस्तेमाल करते थे।
7) नील कवचधारी धनुष और तृणीरधारी पैदल सैनिक का उल्लेख महाजनक जातक में मिलता है।
8) एरियन ने लिखा है कि भारतीय पैदल सैनिक अपनी लंबाई के बराबर धनुष धारण करते है। वे इससे बाण छोड़ने के लिए धनुष को जमीन पर टेक कर बाएं पैर के सहारा देकर इसकी डोरी खींचते है।
उनके बाण लगभग तीन गज लम्बे होते है। उनके द्वारा छोड़े गए बाण को किसी प्रकार की ढाल भी धारण करते है,जो इन सैनिकों की चौड़ाई से कुछ ही कम होती है।
कुछ सैनिक धनुष के जगह पर भाले का इस्तेमाल करते थे लेकिन सभी पैदल सैनिक तलवार पहने रहते थे।
8) नीलकंठ शास्त्री के अनुसार सातवाहन कालीन पैदल सैनिक आक्रमण करने के लिए छोटी तलवारों का प्रयोग करते थे और गोल ढालों को अपने पेट पर बंधी पट्टियों के सहारे शत्रु सैनिकों के शस्त्रों से अपनी रक्षा करते थे।

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