यंत्र सर्वत्र पुस्तक किसने लिखी ?

 यन्त्र सर्वत्र नामक पुस्तक (जिसका एक भाग वैमानिक प्रकरण) भी है। यह वैमानिक प्रकरण 8 अध्यायों , 100 अधिकरणों और 500 सूत्रों में महर्षि भरद्वाज ने रचा था।

जिसमें विमानों को कैसे बनाया जाय, इसकी पूरी जानकारी चित्रों द्वारा दी गई है। 

 रामायण का पुष्पक विमान इसी का एक उदाहरण है। राजा भोज " समराड़ग्ण सूत्रधार" में भी पारे से उड़ने वाले विमान के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। युक्तिकल्पतरु  में भी विमान की चर्चा आती है।

इसमें गैस, बिजली, चुंबक ,वायु आदि कई प्रकार के विमानों के बारे में बताया गया है। इसमें बताए गए तरीके आधुनिक विमान से मिलते है। 

इस पुस्तक में " रुक्मा विमान " का जिक्र है , जिसमें एक व्यक्ति के बैठने की जगह होती थी।

वैमानिक प्रकरण में आने वाले आचार्यों के नाम -

नारायण मुनि , शौनक , गर्ग , वाचस्पति , चक्रयणी, धुंडीनाथ , विश्वनाथ , गौतम , लल्ल , विश्वंभर , अगस्त्य , बुडिल , गोभिल , शाकटायन , अत्रि , कपर्दी , गालव , अग्निमित्र , वाताप , सांब , बोधानंद , भरद्वाज , सिद्धनाथ , ईश्वर , आश्वलायन , व्यास , पराशर , सिद्धकोठ , अंगिरा , विसरण , वशिष्ठ , जैमिनी , आपस्तंब , बौधायन , वाल्मीकि , नारद। 

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