अल्लुरी सीता राम राजू भाग - 1

 प्रारंभिक जीवन



अल्लुरी सीताराम राजु का जन्म 4 जुलाई 1897 को विशाखापटनम के पांडुरंगी गांव हुआ था। इनके पिता का नाम वेंकटराम राजू और माता का नाम सूर्यनारायणम्मा था। 

बहुत ही कम आयु में इनके पिता का देहांत हो गया और इनके पालन - पोषण की जिम्मेदारी इनके चाचा अल्लूरी रामकृष्ण ने निभायी। 

अल्लुरी सीताराम ने तीरंदाजी, घुड़सवारी और ज्योतिषशास्त्र का अध्ययन किया। 
इन्होंने संन्यासी के तौर पर तक सीतामाई नामक पहाड़ी पर साधना भी की। 

अल्लुरी के सहयोगी 

1920 में जब गांधी जी का असहयोग आन्दोलन चल रहा था। तब आंध्रा प्रदेश में भी इस आंदोलन का असर था। इस आंदोलन को गति देने के लिए अल्लुरी सीताराम राजु ने पंचायत की स्थापना की और लोगों से अपने आपसी विवाद सुलझाने की अपील की। 

अल्लुरी गांधी जी से बहुत प्रभावित थे , इसलिए उन्होंने वनवासियों और ग्राम वासियों को इस आंदोलन में भाग लेंगे के लिए प्रोत्साहित किया।

वे ग्रामवासियों को शराब छुड़वाने के लिए प्रेरित करते थे। 

असहयोग आन्दोलन असफल होने से वे बहुत ही नाराज हुए। 

अंग्रेजो के लाए फॉरेस्ट एक्ट के तहत लोग पारंपरिक खेती नहीं कर सकते थे।किसानों की स्थिति से वे बहुत दुःखी हुए और सन् 1882 में आंध्र प्रदेश में पूर्व गोदावरी और विशाखापटनम की सीमा पर एक बड़ा आंदोलन करके मद्रास फॉरेस्ट एक्ट का विरोध किया।

स्थानीय लोग इन्हें मन्यम वीरुडू कहते थे, जिसका अर्थ वनवीर है।

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