मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के रूप में क्यूं स्थापित हुए शिव और पार्वती !


मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग कृष्ण नदी के तट पर श्री शैल पर्वत पर स्थित है। 

भगवान शिव के दोनों पुत्र गणेश और कार्तिकेय में इस बात पर विवाद हुआ की पहले किसका विवाह होगा।

इस पर पिता भगवान शिवजी और माता पार्वती ने कहा कि जो पहले धरती की परिक्रमा करके लौटेगा उसी का विवाह पहले होगा।


शास्त्रों के अनुसार माता - पिता की पूजा धरती की ही परिक्रमा मानी जाती है और उसका भी वही फल मिलता है जो पूरी धरती की परिक्रमा से मिलता है।

इसी कारण गणेश जी ने अपने माता पिता की परिक्रमा की और गणेश जी का विवाह पहले हुआ।

जब कार्तिकेय जी पूरे धरती की परिक्रमा करके लौटे और पूरी घटना को जानकर रूठकर क्रौंच पर्वत पर चले गए।


भगवान शिव और माता पार्वती कार्तिकेय को मनाने के लिए मल्लिका और अर्जुन के रूप में वहां गए। अपने माता- पिता के आने कि खबर सुनकर कार्तिकेय तीन योजन दूर क्रौंच पर्वत (श्री शैल पर्वत) पर चले गए और भगवान शिव और माता पार्वती वहीं ज्योतिर्लिंग के रूप में बस गए।

जिसे मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है।

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