जरासंध कौन था ?

💠मगध देश के राजा बृहद्रथ (वृहद्रथ) ने काशी नरेश की दो कन्याओं से विवाह किया था। इन्हीं के पुत्र का नाम जरासंध था। जरासंध की पुत्री अस्ति और प्राप्ति का विवाह मथुरा के राजा कंस से हुआ था।


💠महात्मा चण्डकौशिक ने एक आम को अभिमंत्रित करके राजा वृहद्रथ को दिया,जिसे उनकी दोनों रानियों ने आधा - आधा ग्रहण किया। इसी से जरासंध का जन्म हुआ। 


💠जरासंध का जन्म दो मांओं से आधे आधे भाग में हुआ था। जिसे माताओं ने डर से फेंक दिया। तब जरा नाम की राक्षसी ने इन दोनों टुकड़ों को उठा लिया और जोड़ दिया।


💠राजा वृहद्रथ ने सब जानकर उसका आभार व्यक्त किया और कहा कि इस बालक को जरा ने संधित (जोड़ा है) किया है इसलिए इसका नाम जरासंध होगा। 


💠जरासंध के पास 23 अक्षौरिणी सेना थी। जरासंध ने श्री कृष्ण पर 18 बार आक्रमण किया था। श्री कृष्ण ने 17 बार जरासंध को हराया और 1 बार जरासंध ने कृष्ण जी को हराया।


💠जरासंध ने 20,800 (बीस हजार आठ सौ) राजाओं को पहाड़ों की घाटी में ,एक किले के भीतर कैदी बनाकर रखा था। जरासंध की मृत्यु के बाद श्री कृष्ण ने सभी राजाओं को कारागार से मुक्त कर दिया। 


💠जरासंध की मृत्यु के बाद कृष्ण जी ने उसके पुत्र सहदेव का राज्य अभिषेक कर दिया और उसे सिंहासन पर बैठा दिया।


💠जरासंध ने प्रवर्षण पर्वत पर श्री कृष्ण और बलराम जी को जला कर मारने की कोशिश की थी लेकिन वे बच गये और जरासंध की नज़रों से छिपकर द्वारका चले गए।


💠जरासंध मगध देश का राजा था और उसकी राजधानी का नाम गिरिव्रज था। 

 जरासंध और भीम का दद्वयुद्ध (कुश्ती) हुआ ,जो 13 दिन और रात बिना कुछ खाएं पिएं चलता रहा। 14 वे दिन, रात के समय जरासंध कुछ थक गया,तब भीम ने जरासंध का वध कर दिया।

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