श्री राम कैसे दिखते थे ?
⚜️श्रीमदवाल्मीकि रामायण के अनुसार श्री राम बुद्धिमान, नितिज्ञ, वक्ता,शोभायमान और शत्रुसंहारक है।
⚜️उनके कंधे मोटे और भुजाएँ बड़ी - बड़ी है। ग्रीवा शड़्ख के समान और ठोड़ी मांसल (पुष्ट) है।
⚜️उनकी छाती चौड़ी तथा धनुष बड़ा है। गले के नीचे की हड्डी मांस से छिपी हुई है।
⚜️वे शत्रुओं का दमन करने वाले हैं।उनकी भुजाएं घुटनों तक लंबी ,मस्तक सुंदर, ललाट भव्य और चाल मनोहर है।
⚜️उनका शरीर (अधिक ऊँचा या अधिक नाटा न होकर) मध्यम और सुडौल है। देह का रंग चिकना है। वे बड़े प्रतापी है।
⚜️उनका वक्ष स्थल भरा हुआ है, आँखें बड़ी - बड़ी है। वे शोभायमान और शुभ लक्षणों से संपन्न हैं।
⚜️धर्म के ज्ञाता, सत्यप्रतिज्ञ तथा प्रजा के हित साधन में लगे रहने वाले हैं। वे यशस्वी, ज्ञानी,पवित्र ,जितेंद्रिय और मन को एकाग्र रखने वाले हैं।
⚜️ वे प्रजापति के समान पालक ,श्री संपन्न , वैरिविध्वंसक और जीवों रक्षक है।
⚜️स्वधर्म और स्वजनों के पालक, वेद वेदांगों के तत्त्ववेत्ता तथा धनुर्वेद में प्रवीण है।
⚜️वे अखिल शास्त्रों के तत्वज्ञ, स्मरण शक्ति से युक्त और प्रतिभा संपन्न है।
⚜️ वे अच्छे विचार और उदार हृदय वाले वे रामचंद्रजी जी बातचीत करने में चतुर तथा समस्त लोगों के प्रिय हैं।
⚜️वे आर्य और सबमें समान भाव रखने वाले हैं, उनका दर्शन सदा ही प्रिय मालूम होता हैं।
⚜️वे गंभीरता में समुद्र और धैर्य में हिमालय के समान हैं।
⚜️वे विष्णु भगवान के समान बलवान हैं। उनका दर्शन चन्द्रमा के समान मनोहर प्रतीत होता है।
⚜️वे क्रोध में कलाग्नि के समान , क्षमा में पृथ्वी के समान , त्याग में कुबेर के और सत्य में द्वितीय धर्मराज के समान है।

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