कागज का आविष्कार किसने किया था ?
कागज का आविष्कार ईसा से 105 वर्ष पूर्व तसाई लून (T' sai Lun) नामक एक चीनी निवासी ने किया था।
तसाई लून एक मछुआरा था, उसने रद्दी और बेकार जालों को गलाकर और कूटकर कागज जैसी महत्वपूर्ण वस्तु का आविष्कार किया।
कागज की अरब यात्रा
एक समय जब अरब वासियों ने चीन पर आक्रमण किया था, तब कुछ चीनी नागरिकों को गुलाम बनाकर अरब ले आये और इन्हीं गुलामों से ही अरब वासियों को कागज बनाने की कला सीखी।
धीरे - धीरे मिश्र , स्पेन , इटली जर्मनी, इंग्लैंड आदि देशों में इसका प्रचार हुआ।
कागज का मशीनीकरण
औद्योगिक क्रांति के समय यूरोप वालों ने हाथ से चलाये जाने वाले इस उद्योग में मशीन का प्रयोग करना शुरू कर दिया। लगभग 900 ई• अरब वालों ने पूरे उत्तरी अफ्रिका पर अपना अधिकार जमा लिया और वहां भी उन लोगों ने कागज के निर्माण कला का विस्तार किया।
मोरक्को में कागज
मोरक्को में 1000 ई• में कागज बनना प्रारंभ हुआ, फिर लगभग 1200 ई• के आस पास मोरक्को निवासी कागज निर्माण कला को स्पेन ले गये। इस समय तक फ्रांस में भी कागज बनने लगा।
13 वीं से 15 वीं शताब्दी में कागज
13 वीं शताब्दी में अरब वासियों द्वारा कागज निर्माण कला इटली पहुंची और जर्मनी ने इस कला को इटली वालों से सीखा।
जर्मनी दार्शनिक मि• उल्मान ने 1336 ई• में न्यूरेम वर्ग नगर में कागज का कारखाना स्थापित किया।
1494 ई• में जोहेनेट टाटे ने इंग्लैंड में कागज बनना शुरू किया।
अमेरिका ने विलियम इरेन हाउस में कागज बनना शुरू किया और 15 वीं शताब्दी तक कागज बनाने की मशीनें बन चुकी थी।
मुगल काल में कागज
मुगल काल में कागज बनाने की कला ज़हांगीर तथा अक़बर के समय में शुरु हुई। उस समय दिल्ली लाहौर,अमृतसर, रावलपिंडी, स्यालकोट आदि स्थानों में कागज बनाने के अनेक कारखाने खोले गए। फिर तत्कालीन हाथ का बना कागज बहुत सुंदर एवं टिकाऊ होता था।
मराठा काल में कागज
मराठा काल में भी इस कला का विकास हुआ। पेशवा राजाओं ने इस कला की उन्नति के लिए दक्षिण भारत में कागज बनाने के अनेक कारखाने खोले।
कागज के अन्य तथ्य
औद्योगिक क्रांति कालीन यूरोप में सबसे पहले इंग्लैंड में सन् 1467 ई• से मशीनों द्वारा कागज बनाया जाने लगा।
कागज अंग्रेजों के उद्योग का एक प्रमुख साधन था विश्व के अन्य देशों में भी ये लोग कागज ले जाते थे। उस समय भारत में हाथ से ही कागज बनाया जाता था चूंकि भारत इंग्लैंड उपनिवेश था इसलिए अधिक लाभ के लिए उन्होंने यहां भी इस उद्योग का प्रारंभ किया।
सन् 1837 ई• में दूसरे कारखाने बनाये गये,इसके बाद सभी प्रदेशों में धीरे - धीरे कागज बनाने के कारखाने खोले गये।
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