सुमति
ऐसी वीरांगना जिसने मातृभूमि के प्रेम के लिए अपने पति पर गोली दाग दी सुमति गढ़मंडल के सेनापति सुमेरसिंह की बहन थी। सुमति का विवाह जागीरदार बदनसिंह के साथ हुआ था। विवाह के कुछ समय बाद बदनसिंह ने गढ़मंडल से गद्दारी कर दी और अकबर से मिल गया। जब अकबर और गढ़मंडल की महारानी दुर्गावती का युद्ध आरंभ हुआ, तब बदनसिंह ने ही अकबर को गढ़मंडल का सारा भेद बता दिया और रानी दुर्गावती की छाती में भाले से वार किया। रानी के घायल होकर गिरने पर उनके सिर पर बंदूक की नाल से वार किया, सिर से रक्त धारा बहने लगी। होश में आने पर रानी दुर्गावती ने सुमति को उसके पति बदनसिंह की सारी करतूत कह सुनायी। ये सभी बातें सुनकर सुमति बहुत लज्जित हुई और उसने बहुत दुःख व्यक्त किया। तभी सुमति ने सामने से अपने पति बदनसिंह को आते देखा। उसे बहुत धिक्कारा और कहा किसी देशद्रोही से मेरा कोई सम्बन्ध नहीं हैं। सुमति ने तमंचा निकाला और बदनसिंह पर गोली दाग दी। बदनसिंह के प्राण तत्काल ही चले गये।