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समोसा एक विदेशी व्यंजन है भारतीय नहीं !

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 समोसा भारत में एक बहुत ही प्रसिद्ध व्यंजन है पर भारतीय नहीं है ! (1) ईरानी इतिहासकार अबुल फजल बेहागी ने अपनी पुस्तक तारीक - ए - बेहागी में समोसे का जिक्र किया है। (2) उन्होंने गजनवी साम्राज्य में शाही दरबार में पेश की जाने वाली नमकीन चीज़ों का जिक्र किया है जिसमें कीमा और सूखे मेवे भरे होते थे। इसे तब तक पकाया जाता था , जब तक ये खस्ता ना हो जाए। (3) समोसा मध्य पूर्वी एशिया में पैदा हुआ था जहां इसका नाम संबोसा था। (4) 10 वीं सदी से 13 वीं सदी की अरबी पाक शास्त्र की किताबों में इसे संबोसक का नाम दिया गया है। जो की फारसी शब्द समोसा से काफ़ी मिलता - जुलता है। (5) 14 वीं सदी में कुछ व्यापारी दक्षिण एशिया आए थे और उन्हीं के साथ समोसा भी भारत आया। (6) ईरान से समोसा अफगानिस्तान , कजाकिस्तान और उसबेकिस्तान भी पहुंचा। (7) समोसे के कई नाम प्रचलित हैं - नेपाल में सिंघोड़ा , म्यांमार में समूसा , अरब में सम सास , पुर्तगाल में चमुकस ,  अफ्रीका में संबुसा , इजराइल में संबुसक कहा जाता है।

पहला भारत रत्न किसे और कब दिया गया ?

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1. भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी,1954 को, उस समय के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की थी। 2. 1954 में भारत रत्न सी. राजगोपालाचारी ,सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सी. वी . रमन को दिया गया था। 3) 1955 में मरणोपरांत भी सम्मान देने का प्रावधान इसमें जोड़ दिया गया। 4.  सचिन तेंदुलकर पहले खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के भारत रत्न विजेता थे। 2013 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 5. 2013 में ही सचिन तेंदुलकर के साथ वैज्ञानिक सी. एन.आर .राव को भी भारत रत्न दिया गया। 6. प्रधानमंत्री द्वारा भारत रत्न दिए जाने की सिफारिश राष्ट्रपति से की जाती है इसके लिए कोई औपचारिक सिफारिश आवश्यक नहीं। 7. भारत रत्न पाने वालों को महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता हैं। सरकार वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंट में उन्हें जगह देती है। वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंट का इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए होता है।  8. भारत रत्न विजेताओं को प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति , प्रधानमंत्री ,उपप्रधानमंत्री , राज्यपाल , पूर्व राष्ट्रपति , पुर्व प्रधानमंत्री , मुख्य न्यायाधीश , लोकसभा अध्य...