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भारत का संविधान

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संवैधानिक विकास के चरण  रेग्यूलेटिंग एक्ट , 1773  इस अधिनियम के द्वारा भारत में कम्पनी के शासन के लिए पहली बार एक लिखित संविधान प्रस्तुत किया गया। भारतीय संवैधानिक इतिहास में इसका विशेष महत्व यह है कि इसके द्वारा भारत में कम्पनी के प्रशासन पर ब्रिटिश संसदीय नियंत्रण की शुरुआत हुई। इस अधिनियम के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार है।  १) बम्बई और मद्रास प्रेसिडेंसी को कलकत्ता प्रेसिडेंसी के अधीन कर दिया गया।  २) कलकत्ता प्रेसिडेंसी में गवर्नर जनरल व चार सदस्यों वाले परिषद् के नियंत्रण में सरकार की स्थापना की गई। 1773 रेग्यूलेटिंग एक्ट के तहत गांवों के लिए जमींदार न्युक्त किये गए जो पंचायतों से स्वतंत्र और सरकार के प्रति जवाबदेह थे।  लॉर्ड रिपन ने 1882 में स्थानीय स्वशासन सम्बन्धित प्रस्ताव दिए जिसे स्थानीय स्वशासन संस्थाओं का मैग्ना कार्टा कहा जाता है। यह पहला अवसर था जब स्थानीय शासन का निर्वाचित निकाय अस्तित्व में आया। लॉर्ड रिपन को स्थानीय स्वशासन का जनक कहा जाता है।  1919 के भारत शासन अधिनियम के अन्तर्गत प्रांतों में दोहरे शासन की व्यवस्था की गई। स्थानीय स्वशासन...